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जयपुर में सोनिया का डेरा, वजह पॉल्यूशन या कुछ और...! राजस्थान में जीत का जुगाड़

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जयपुर में सोनिया का डेरा, वजह पॉल्यूशन या कुछ और...! राजस्थान में जीत का जुगाड़

राजनीति/कांग्रेस/Rajasthan/Jaipur :

राजस्थान में आजकल चुनावी हलचल काफी तेज है। इस बीच सोनिया गांधी दिल्ली से जयपुर पहुंच गई हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोनिया गांधी की यात्रा को पूरी तरह से व्यक्तिगत करार दिया। उन्होंने कहा है कि सोनिया गांधी ने दिल्ली की लगातार खराब होती वायु गुणवत्ता के कारण दिल्ली छोड़ी है। लेकिन राजनीतिक जानकार सोनिया गांधी के इस दौरे के सियासी मायने निकाले रहे हैं।

राजस्थान का चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद अहम हो चुका है। कांग्रेस वहां अपना किला बचाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। जहां जीत के लिए कांग्रेस में दो अहम चेहरे सीएम अशोक गहलोत व पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट में सुलह हो गई, जहां पार्टी लगातार लोगों के बीच इस सुलह को सामने रखकर ऑल इज वेल का संकेत देने की कोशिश कर रही है, वहीं दिल्ली भी जयपुर पर निगाहें लगाए चुनावी तैयारियों पर पैनी नजर रखे हुए है। गुरुवार को राहुल गांधी जयपुर पहुंचे, जहां एयरपोर्ट पर गहलोत व पायलट दोनों साथ नजर आए। उन्हें साथ में देखकर राहुल ने मीडिया में कहा कि हम एक साथ नजर नहीं आ रहे, बल्कि एक साथ हैं। हम एकजुट रहेंगे और कांग्रेस यहां स्वीप करेगी।
जयपुर में सोनिया गांधी
मंगलवार की शाम कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जयपुर पहुंचीं। वह डॉक्टरों के मशवरे पर स्वास्थ्य लाभ के लिए दिल्ली के दमघोंटू माहौल से दूर जयपुर पहुंची हैं। लेकिन चर्चा है कि बात सिर्फ इतनी भर नहीं है। कहा जा रहा है कि इस कवायद का आशय चुनावी तैयारियों पर करीब से नजर रखना भी हैं। दरअसल, कांग्रेस की ओर से बाकायदा बयान जारी कर सोनिया गांधी के जयपुर प्रवास और राहुल गांधी की राजस्थान की रैलियों की तारीखें साझा की गई हैं, उससे साफ है कि चुनाव के आखिर में गांधी परिवार राजस्थान में रहकर सभी तैयारियों को सुनिश्चित करना चाहता है। राहुल गांधी 16, 19, 21 और 22 नवंबर को राजस्थान में चुनाव प्रचार करेंगे।
सोनिया गांधी ने संभाली कमान
दरअसल, वहां जिस तरह से केंद्रीय चुनाव समिति की पहली मीटिंग में हुई गरमा गरमी के बीच सोनिया गांधी को खुद कमान संभालनी पड़ी, उसके बाद वहां कुछ टिकट कटे, जिसके चलते कुछ नाराजगी सामने आई, उसे देखते हुए पार्टी कोई जोखिम उठाने के मूड में नहीं है। इसके अलावा, सोनिया गांधी के पहुंचने के कुछ घंटों बाद ही आधी रात को संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल राजस्थान के अहम नेताओं के साथ मीटिंग करते हैं, वह भी काफी कुछ इशारा करता है। इस मीटिंग की तस्वीर खुद सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया पर जारी की। इसमें वेणुगोपाल के साथ गहलोत, पायलट, राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश के सीनियर नेता भंवर जीतेंद्र सिंह जैसे नेता शामिल थे। 
गहलोत का ट्वीट रहा चर्चा में
इसके साथ गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा - एम साथ जीत रहे हैं फिर से, हैश टैग कांग्रेस फिर से। मीटिंग के जरिए कांग्रेस अपनी पार्टी के वर्कर्स व समर्थकों के साथ-साथ वोटर्स सहित सभी को एकजुट होने का संकेत दे रही है। हालांकि पोस्टर्स में इसकी शुरुआत हो चुकी है, जहां दोनों नेता साथ नजर आ रहे हैं। रैली में इसकी शुरुआत होगी। कांग्रेस कुछ उसी तरह का संकेत देना चाहती है, जैसे पिछले चुनाव में दोनों मोटरसाइकिल पर साथ प्रचार करते दिखे थे।
जल्द जारी होगा कांग्रेस का मेनिफेस्टो
सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही कांग्रेस राजस्थान को लेकर अपना मेनिफेस्टो भी जारी कर सकती है। सीनियर नेता सीपी जोशी की अगुवाई में बना कांग्रेस के घोषणापत्र में कुछ अहम घोषणाएं हो सकती हैं। बताया जाता है कि कांग्रेस ने पंचायत स्तर पर इस लोगों से फीडबैक लेकर तैयार करवाया है। इसमें 25 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा की राशि बढ़ाई जा सकती है। वहीं, महिलाओं को ध्यान में रखते हुए पार्टी अहम घोषणा कर सकती है। कांग्रेस यहां महिलाओं के एक दस हजार रुपये तक की एकमुश्त राशि की सहायता का ऐलान भी कर सकती है।
सत्ता परिवर्तन का रिवाज बदलने की बेताबी
राजस्थान में कांग्रेस इस बार जीत के लिए इस कदर आमादा है कि वह प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता बदलने का रिवाज बदलना चाहती है। पार्टी अशोक गहलोत के काम और उपलब्धियों पर चुनाव लड़ रही है। उसने जहाँ एक ओर अपनी गुटबाजी पर लगाम लगाने की कोशिश की है तो वहीं दूसरी ओर वह अपने बागियों को भी मनाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस की चिंता है कि कुछ निर्दलीय उसका खेल ना बिगड़ दें। यहां 10-12 निर्दलीय उसकी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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