धर्म/कर्मकांड-पूजा/Madhya Pradesh/Indore :
उनकी कथा सुनने लाखों लोग आते हैं। सबसे खास बात यह है कि कभी बेहद गरीब रहे पंडित मिश्रा अब बेहद संपन्न जिंदगी जी रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनकी सालाना कमाई करोड़ों में पहुंच चुकी है।
सीहोरवाले पंडितजी यानि इंटरनेशनल कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों बेहद व्यस्त हैं। इस साल उनके पास नए कार्यक्रमों के लिए जरा भी समय नहीं है। पहले से तय कार्यक्रमों के अंतर्गत वे देशभर में महाशिवपुराण कथा सुना रहे हैं। उनकी कथा सुनने लाखों लोग आते हैं। सबसे खास बात यह है कि कभी बेहद गरीब रहे पंडित मिश्रा अब बेहद संपन्न जिंदगी जी रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनकी सालाना कमाई करोड़ों में पहुंच चुकी है।
महाशिवरात्रि पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने सीहोर के कुबरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव आयोजित कराया था। पंडित मिश्रा हर साल महाशिवरात्रि पर यहां भव्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं। पहले इस कार्यक्रम में वे लोगों को रुद्राक्ष भी बांटते थे लेकिन इस साल महोत्सव में रुद्राक्ष वितरित नहीं किए।
शिवलिंग पर जल अर्पित करने का उपाय
दावा किया जाता है कि पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा अभिमंत्रित रुद्राक्ष लोगों की सभी समस्याओं को समाप्त कर देता है। यही कारण है कि रुद्राक्ष लेने के लिए लाखों लोग टूट पड़ते हैं। वे अपनी कथा में शिवजी की महिमा बताते हैं और हर रोज शिवलिंग पर जल अर्पित करने का उपाय भी बताते हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म सीहोर में सन 1980 में हुआ था। वे बचपन से ही शिव मंदिर में कथा वाचन करने लगे थे। स्नातक की शिक्षा के बाद शिक्षक के रूप में भी काम किया। धीरे धीरे शिवपुराण कथा वाचक के तौर पर प्रसिद्धि बढ़ी और अब तो सोशल मीडिया पर उनके करोड़ों फॉलोअर्स हैं।
पिता चने का ठेला लगाते थे
बेहद पापुलर हो चुके कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा अब आर्थिक रूप से भी बहुत संपन्न हो चुके हैं। पहले उनकी माली हालत बहुत खराब थी। पंडित मिश्रा खुद अपनी कथा, इंटरव्यू और व्यक्तिगत बातचीत में बताते हैं कि उनके जन्म के समय घरवालों के पास अस्पताल में दाई को देने के पैसे भी नहीं थे।
पंडित मिश्रा के पिता चने का ठेला लगाते थे। इसी से मिले पैसों से पूरा परिवार का खर्च चलता था। पढ़ाई पूरी करने के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक निजी विद्यालय में पढ़ाना शुुरु किया लेकिन इससे भी नाममात्र की ही आय होती थी।
पूरी तरह बदल चुके हैं हालात
हालात अब पूरी तरह बदल चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनकी सालाना कमाई करोड़ों की हो चुकी है। कभी साइकिल पर चलनेवाले पंडित मिश्रा अब लग्जरी कार में चलते हैं। सीहोर में उन्होंने 52 एकड़ में कुबेश्वर धाम बनाया है जहां आनेवाले भक्तों को हर आधुनिकतम सुख सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।
बताया जाता है कि वे एक कथा के लिए 50 लाख रुपए तक लेते हैं। जो लोग पंडित मिश्रा की कथा का आयोजन करवा चुके हैं, उनकी मानें तो वे एक कार्यक्रम के लिए प्रायरू 21 लाख रुपए लेते हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का आयोजन कराने वालों का कहना है कि एक कार्यक्रम पर करीब 1 करोड़ रुपये का कुल खर्च आता है। पंडित मिश्रा की दक्षिणा के अलावा टेंट-पंडाल, साउंड सिस्टम, भंडारा आदि में भी लाखोें का खर्च होता है।
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