सेना///Washington :
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद अमेरिका ने इसे बीजिंग की उकसावेभरी कार्रवाई करार दिया है।
भारत-चीन सीमा के तवांग में हुए टकराव पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है। हम भारत के साथ दिल्ली और वाशिंगटन में लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। बाइडेन प्रशासन इस बात से खुश है कि भारत और चीन दोनों अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई झड़प के बाद जल्द ही पीछे हट गए।
पेंटागन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग भारत-चीन सीमा पर एलएसी के घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए है। पेंटागन के प्रेस सचिव पैट रायडर ने कहा, ‘हम अपने सहयोगी देशों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेंगे। हम तनाव को कम करने के भारत के प्रयास का पूरा समर्थन करते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया जानती है कि चीन किस तरह से तानाशाही कर सीमा पर अपने बलों को इकट्ठा कर तथाकथित सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। चीन खुद को मुखर करने और अमेरिकी सहयोगियों और इंडो-पैसिफिक में हमारे भागीदारों द्वारा निर्देशित क्षेत्रों में जबरन हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहा है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद भारत-चीन सीमा पर तनाव को कम करने का आह्वान किया है।
दोनों देशों के बीच फिर हुआ तनाव
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से एरिया में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमने-सामने होने पर एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। चीन के सैनिक भारतीय सेना की तीन यूनिटों के साथ भिड़ गए, जो विभिन्न पैदल सेना रेजिमेंटों से संबंधित हैं। भारतीय सेना के जवानों ने एलएसी पर चीनी सैनिकों के नापाक मंसूबों के प्रयास को विफल कर दिया।
दुश्मन के इरादों को जानते थे भारतीय जवान
वहीं, ग्राउंड पर मौजूद सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि जम्मू-कश्मीर राइफल्स, जाट रेजिमेंट और सिख लाइट इन्फैंट्री सहित तीन अलग-अलग बटालियनों के सैनिक पिछले हफ्ते झड़प वाले स्थान पर मौजूद थे, जब चीनी सैनिकों ने क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की थी। चीनी सैनिक लाठी और अन्य हथियार हाथ में लिए थे। सूत्रों ने कहा कि भारतीय सैनिक भी चीन सैनिकों से मुकाबला करने के लिए तैयार थे क्योंकि वे दुश्मन सैनिकों के इरादों को जानते थे।
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