क्राइम //Rajasthan/Jaipur :
राजू ठेठ ,सीकर के दाताराम विधानसभा से कर रहे थे विधायकी की तैयारी, तभी उसके पुराने करम सामने आ गए। पर, इस पूरे घटनाक्रम में हर किसी की संवेदना नागौर की इस बेटी के साथ है, जिसके पिता इस शहर में अपनी बेटी को ऊंचाइयां छूते देखना चाहते थे और उसका दाखिला यहां स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट में करवाने आए थे। लेकिन, क्या मालूम था कि नियति कुछ और ही करना चाहती..
अपराध की दुनिया के दलदल से केवल मौत ही बाहर निकाल सकती है। दूसरा कोई Option नहीं होता। चाहे वो फूलन देवी हो या राजू ठेठ। आज कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेठ की हत्या से एक तरफ जहां उसके समर्थकों के शोक की लहर फैली हुई है, वहीं दूसरी तरफ लोग सोशल मीडिया पर लोग कुछ इस तरह की बातें करते नजर आ रहे हैं। पूरे घटनाक्रम में राजस्थान के लाचार हुए प्रशासन को दर्शाती हुई यह तस्वीर है जिसमें एक बेटी अपने पिता के मृत शरीर को देखकर रो रही है ! नागौर से अपनी बेटी को मिलने आये थे ताराचंद् जी कड़वासरा, जिन्हें गैंग्स्टर्स ने बेवजह ही गोली मार दी, आखिर उनका क्या कसूर था ? लोग ये सवाल तो पूछ ही रहे हैं,साथ ही इस मामले पर विपक्ष भी सरकार को घेर रहा है।
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गैंगवार राजू ठेठ की हत्या पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा "इस सरकार में कोई दिन ऐसा नहीं जब, ठांय ठांय की आवाज़ नहीं आती हो, राजस्थान में अपराध की पराकाष्ठा है"। वहीं राजू ठेठ हत्याकांड पर राजेन्द्र राठौड़ ने कहा, "आमजन दहशतगर्दी के साये में जीने को मजबूर है और राजस्थान सरकार है जो भारत जोड़ो यात्रा और राहुल गांधी की खिदमत में व्यस्त है।"
सीकर हत्याकांड पर फतेहपुर विधायक हाकम अली खान ने भी कहा, " आज सीकर में हुए जघन्य हत्याकांड की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ। हम आशा करते है कि राजस्थान पुलिस जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ कर आमजन में विश्वास कायम करेगी "
भारतीय किसान यूनियन और राजस्थान जाट महासभा के नेता ने राजाराम मील ने पुलिस और प्रशासन पर कहा कि खुले आम राजू ठेठ व एक अन्य की हत्या और उसके बाद हत्या की जिम्मेदारी लेना और हत्या के समर्थन में लोगो का मैसेज करना इस बात का सबूत है कि अपराधियों में कोई ख़ौफ़ नहीं है। मैं मुख्यमंत्री गहलोत जी और डीजीपी साहब से निवेदन करता हूं, तुरंत क़ानून सम्मत कारवाही करें। सीकर में देश भर के लाखों बच्चे पढ़ने आते है व इस घटना से सब में भय व्याप्त है, हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए कि भय मुक्त राजस्थान बनायें।
सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति ने अपनी तर्कसंगत राय लिखते हुए पोस्ट किया है, "न तो आनंदपाल हीरो था और न ही बलबीर बानूड़ा हीरो था। और न ही पपला गुर्जर हीरो है। और न ही राजू ठेठ हीरो है, "गैंगस्टर की कोई जाति नहीं होती। इनको जाति के चश्मे से मत देखो। "
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