//Rajasthan/Jaipur :
कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को एक तनावमुक्त तथा सुरक्षित माहौल देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गाइडलाइन्स-2022 को स्वीकृति दी है।
राजस्थान के कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे छा़त्रों की बढ़ती आत्महत्याओं की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने कोचिंग संस्थानों के प्रभावी नियमन के लिए बनाए गए ‘राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक-2022’ के लागू होने तक हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना में कुछ गाइडलाइन्स को मंजूरी दी है।
गाइडलाइन्स में विद्यार्थियों पर प्रतिस्पर्धा एवं शैक्षणिक दबाव के कारण उपजे मानसिक तनाव एवं अवसाद को दूर करने के लिए मनोचिकित्सकीय सेवा प्रदान करना, विद्यार्थियों की पूरी सुरक्षा, उनके मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने उपाय, जिला प्रशासन स्तर पर पर्याप्त निगरानी तंत्र की स्थापना, कोचिंग छात्र-छात्राओं के लिए सुविधा केन्द्र, साफ-सफाई का बेहतर प्रबंधन, कोचिंग संस्थानों के स्तर पर अपेक्षित कार्यवाही, विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के लिए वर्कशॉप, विद्यार्थियों की दिनचर्या में साइबर कैफे की सुविधा आदि दिशा-निर्देश शामिल किए गए हैं।
विफलता का मैनेजमेंट सिखाया जाएगा
गाइडलाइन्स में कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को आईआईटी एवं मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में उत्तीर्ण ना होने की स्थिति में उपलब्ध करिअर विकल्पों के बारे में बताया जाएगा। इसके अतिरिक्त संस्थान छोड़ने की स्थिति में ईजी एक्जिट पॉलिसी एवं फीस रिफण्ड का प्रावधान किया गया है। गाइडलाइन्स के तहत एक कम्पलेन्ट पोर्टल का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, नई गाइडलाइन्स में कोचिंग सेंटर के सभी कार्मिकों का पुलिस वेरिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा। आवासीय कोचिंग संस्थानों में सभी प्रकार के मूवमेंट का डाटा संधारित करने का प्रावधान भी गाइडलाइन्स में शामिल है। कोचिंग संस्थानों द्वारा किसी भी प्रकार की मिथ्या प्रचार की रोकथाम की व्यवस्था गाइडलाइन्स में की गई है। इन दिशा-निर्देशों की पालना नहीं करने पर कोचिंग संस्थानों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
कमेटी करवाएगी निर्देशों की पालना
कोचिंग संस्थानों द्वारा गाइडलाइन्स का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसमें उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, मेडिकल शिक्षा, गृह विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त गाइडलाइन्स के अंतर्गत प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ अभिभावकों, कोचिंग संस्थानों, एनजीओ के प्रतिनिधि एवं मनोवैज्ञानिक तथा मॉटिवेशनल स्पीकर और जिले के अतिरिक्त जिला कलक्टर शामिल हैं।
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