राजनीति/कांग्रेस/Rajasthan/Jaipur :
गहलोत सरकार के पांचवें बजट और उसके बाद बजट के उत्तर में भी मुख्यमंत्री ने उम्मीद के विपरीत एक भी नये जिले की घोषणा नहीं की। घोषणा नहीं होने से सत्तारूढ़ कांग्रेस के कई मंत्री और विधायकों ने मुख्यमंत्री गहलोत के सामने भी नाराजगी जताई।
प्रदेश में नए जिलों के गठन की कवायद अब गहलोत सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। सरकार के ही कई मंत्री और विधायकों ने नए जिलों के गठन को लेकर दबाव बनाया हुआ था कि बजट में नए जिलों की घोषणा कर दी जाए, लेकिन अपने बजट भाषण और उसके बाद रिप्लाई के दौरान भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से नए जिलों के गठन की घोषणा नहीं करने से अब इन मंत्री-विधायकों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
बजट में नए जिलों की घोषणा नहीं होने से सत्तारूढ़ कांग्रेस के कई मंत्रियों और विधायकों ने अपनी नाराजगी अब मुख्यमंत्री गहलोत के सामने भी दर्ज कराई है। वहीं, पार्टी के शीर्ष नेताओं के समक्ष भी इस मामले को उठाया है, जिसके बाद यह मामला अब सरकार के लिए भी सिर दर्द बनता जा रहा है।
सूत्रों की माने तो नाराजगी इस बात को लेकर है कि सरकार को या तो नए जिलों के गठन की कवायद शुरू ही नहीं करनी चाहिए थी अगर शुरू की गई थी तो फिर बजट या बजट रिप्लाई में नए जिलों की घोषणा होनी चाहिए थी। अब इस मुद्दे पर जनता की नाराजगी का सामना चुनाव में करना पड़ सकता है। साथ ही, स्थानीय जनप्रतिनिधि होने के नाते मंत्रियों- विधायकों को भी जनता की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
कटारिया-यादव ने लगा रखा था जोर
गहलोत सरकार में मंत्री लालचंद कटारिया ने जोबनेर और राजेंद्र यादव ने कोटपूतली को जिला बनाए जाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई थी। इसके अलावा कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने भी बालोतरा को जिला बनाने की मांग जोर-शोर से उठाई हुई थी। पिछले 1 साल से मदन प्रजापत नंगे पैर ही रहते हैं, उन्होंने प्रण कर रखा है कि जब तक बालोतरा को जिला घोषित नहीं किया जाएगा, तब तक वह नंगे पैर ही रहेंगे। इसके अलावा कांग्रेस के कई विधायकों मंत्रियों ने नए जिलों के गठन को लेकर सरकार पर दबाव बनाया हुआ था।
कमेटी ने भी अभी तक नहीं सौंपी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिलों के गठन के लिए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राम लुभाया की अध्यक्षता में कमेटी का भी गठन किया था। लेकिन साल भर बीतने के बावजूद भी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है, जिसके चलते भी नए जिलों की घोषणा नहीं हो पाई है। कांग्रेस गलियारों में चल रही चर्चाओं की माने तो अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार के पांचवें और अंतिम बजट में नए जिलों की घोषणा कर देते तो यह विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकता था।
इन कस्बों को जिला बनाने की चल रही थी कवायद
जिन कस्बों को जिला बनाने की कवायद चल रही थी, उनमें बालोतरा, कोटपूतली, नीमकाथाना, ब्यावर, डीडवाना, कुचामन सिटी, जोबनेर और भिवाड़ी हैं।
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