सेना//Delhi/New Delhi :
कुछ महीने पहले भारत की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक ब्रह्मोस अचानक मिस फायर होकर पाकिस्तान में जा गिरी। मंगलवार, 23 अगस्त को इस घटना पर भारत में एक्शन हुआ है। सरकार ने भारतीय वायुसेना के तीन अधिकारियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार मानते हुए बर्खास्त कर दिया है।
उस समय पाकिस्तान की सेना यह जानकर हैरान रह गई कि भारत की महाविनाशक मिसाइल देश में 1-2 किमी नहीं पूरे 124 किमी भीतर घुस आई और उसका पूरा निगरानी तंत्र फेल रहा। हालांकि पाकिस्तानी नेता और सोशल मीडिया पर लोग भारत के खिलाफ आग उगलने लगे। वे दावा करने लगे कि भारत ने हरियाणा के सिरसा से जानबूझकर पाकिस्तान की तरफ मिसाइल दागी और यह एक तरह का टेस्ट था।
उस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि 9 मार्च को मिसाइल अनजाने में चल गई थी। इस एक्शन से पाकिस्तान के उन लोगों को भी जवाब मिल गया है जो अब तक प्रोपगैंडा फैला रहे थे।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में पाया गया कि कुछ अधिकारियों ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं किया। केंद्र सरकार ने उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। अधिकारियों को 23 अगस्त को बर्खास्तगी के आदेश दे दिए गए हैं।
क्या बीच में रोक सकते थे?
तब पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे थे कि अगर भारत की ओर से गलती से ब्रह्मोस चल गई तो उसे बीच रास्ते में रोका क्यों नहीं गया। कुछ पाक नेताओं और मीडिया ने भी ऐसे सवाल खड़े किए थे। बाद में भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने बताया था कि ब्रह्मोस जैसी टैक्टिकल मिसाइल अगर छूट जाती है तो उसे बीच में रोका नहीं जा सकता। ब्रह्मोस में 'खुद से नष्ट होने का मेकैनिज्म' नहीं है। केवल अग्नि और पृथ्वी बैलिस्टिक मिसाइलों में यह 'किल स्विच' होता है।
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