आज है विक्रम संवत् 2081 के अश्निन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि रात 09:38 बजे तक यानी मंगलवार, 01 अक्टूबर 2024
Baisakhi 2024: आज हैं बैसाखी यानि किसानों का त्यौहार... क्या हैं इसका धार्मिक महत्व

आज है बैसाखी यानि किसानों का त्यौहार

धर्म

Baisakhi 2024: आज हैं बैसाखी यानि किसानों का त्यौहार... क्या हैं इसका धार्मिक महत्व

धर्म/व्रत और त्योहार/Punjab/Chandigarh :

पंजाब भर में बैशाखी पर्व आज धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस समय खेतों में किसानों की गेहूं की फ़सल पक कर तैयार हो जाती है ,इस वजह से किसान बेहद ज्यादा खुश रहते हैं और  वह ढोल की थाप पर खेत में खूब झूमते और नाचते हैं।  खेतों में गेहूं की बंपर फसल होने और खेत सुनहरी रंग में तब्दील होने के कारण आज 13 अप्रैल किसान खूब जश्न मनाता है क्योंकि इन दिनों उनकी फसल पक कर तैयार हो जाती है।

पंजाब में बैसाखी पर खूब मेले लगते हैं जश्न मनाए जाते हैं और खास तौर पर इस त्यौहार का धार्मिक महत्व भी है क्योंकि इसी दिन श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने श्री आनंदपुर साहिब में 13 अप्रैल 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी और इसी को लेकर गुरुद्वारा साहिब में खूब दीप माला और उनको सजाया जाता है और साथ ही इन दिनों में ही किसानों के खेतों में गेहूं पक कर तैयार हो जाती है जिसके लिए पंजाब में चारों ओर जश्न का माहौल रहता है।

किसानों ने अपने पुराने पहरावे को पहनकर कुर्ता चादरा सर पर पगड़ी हाथ में पुरातन साज अपने खेत में गेहूं की फसल के बीच जाकर अपनी खुशी को और दुगना किया, पहले किसान बैलगाड़ी पर बैठकर नाचते गाते अपने खेत पहुंचे और उसके बाद उन्होंने खेत में खूब भांगड़ा किया बोलियां डाली गई जो कह सकते हैं कि किसानों ने अपने खेत में जाकर खूब जश्न मनाया,, किसान अपने साथ अपने पुरातन साज लेकर पहुंचे जिसके साथ वह मेले में जाया करते थे।

किसान देवेंद्र सिंह ने बताया कि ये दिन हमारे लिए बेहद खुशी के दिन होते हैं क्योंकि बैसाखी पर हमारी फसल पक कर तैयार हो जाती है हमारे खेतों में हमारे गेहूं सोने के रंग में रंग चुकी है जब हम अपने खेतों में आते हैं तो अपनी फसल की कटाई करते हैं तो एक दूसरे की ओर देखकर मुस्कुराते हैं क्योंकि आज महंगाई का जमाना है और इसी फसल से हमारे घर में अनाज आता है पैसे आते हैं जिसके साथ हम अपनी सभी ख्वाहिश से पूरी करते हैं। अपने बच्चों की स्कूल फीस भरते हैं और इस दिन से ज्यादा खुशी हमें कभी नहीं होती।  इसका हम बेसब्री से इंतजार करते हैं। हम अपने वाहेगुरु का बहुत शुकराना करते हैं क्योंकि हमें देने वाला वही है। खेतों में किसानों की गेहूं पक कर तैयार है और चारों ओर जातियों का माहौल है। पंजाब वह हरियाणा हो ,जहां कहीं भी पंजाबी  रहते हैं वहां पर ऐसे ही जश्न मनाया जाता है। 

You can share this post!

author

सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

Comments

Leave Comments