आज है विक्रम संवत् 2081 के श्रावण माह के कृष्णपक्ष की सप्तमी तिथि रात 09:18 बजे तक यानी शनिवार, 27 जुलाई 2024
बुरे फंसे उदयनिधि ! अब जाना पड़ेगा बिहार , कोर्ट ने न पेश होने पर दिए कार्यवाई के आदेश

कोर्ट ने उदयनिधि को न पेश होने पर दिए कार्यवाई के आदेश

अदालत

बुरे फंसे उदयनिधि ! अब जाना पड़ेगा बिहार , कोर्ट ने न पेश होने पर दिए कार्यवाई के आदेश

अदालत//Bihar/Patna :

सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया या कोरोना की तरह खत्म करना होगा। सनातन धर्म का विरोध करने के बजाय इसे खत्म करना होगा, क्योंकि यह लोगों को जातियों में बांटता है। उदय निधि के इस बयान पर बिहार के भोजपुर कोर्ट ने अब संज्ञान लिया है।

उदयनिधि स्टालिन की मुश्किलें अब बढ़ने वाली है। उदयनिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं। वे तमिलनाडु सरकार में युवा कल्याण एवं खेल विकास मंत्री हैं। सनातन धर्म का अपमान करने के मामले में बिहार के भोजपुर के न्यायालय ने संज्ञान लिया है। इस संबंध में अदालत का कहना है कि आरोपी 1 अप्रैल 2024 को भोजपुर कोर्ट में उपस्थित हो वरना कोर्ट आगे की कार्यवाई करेगी। उदयनिधि के विरुद्ध आईपीसी 298 के तहत संज्ञान लिया गया है।

 पिछले साल दर्ज हुआ था मामला 

इस संबंध में अधिवक्ता धरनीधर पांडेय ने बताया कि पिछले साल सितंबर 2023 में उदयनिधि स्टालिन ने तमिलनाडु में एक कार्यक्रम में यह बयान दिया था कि सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया या कोरोना की तरह खत्म करना होगा। उन्होंने आगे कहा था कि सनातन धर्म का विरोध करने के बजाय इसे खत्म करना होगा, क्योंकि यह लोगों को जातियों में बांटता है और भेदभाव को बढ़ावा देता है। उसके इस बयान के बाद अधिवक्ता धरनीधर पांडेय ने उदयनिधि के खिलाफ जिला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां परिवाद दायर किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि मैं सनातन धर्म का अनुयायी हूं और उदयनिधि स्टालिन के द्वारा दिए गए घृणास्पद भाषण से मैं व्यथित हूं। उदयनिधि का भाषण समाज में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। उनके इस भाषण ने हिंदू धर्म के अनुयायियों का अपमान किया है।

किस किस धारा के आरोपी बने हैं उदयनिधि 
शिकायतकर्ता के मुख्य गवाह अधिवक्ता आदित्य कुमार का कहना है कि इस देश में किसी धर्म और जाति को लेकर टिप्पणी करना कानून और समाज दोनों के खिलाफ है। उदयनिधि स्टालिन के द्वारा सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी करने के बाद भोजपुर न्यायालय में परिवाद दायर किया गया था। अब न्यायालय ने इस मामले पर संज्ञान लिया है। इस संबंध में अधिवक्ता धरनीधर पांडेय ने बताया कि उनके इस शिकायत पर दफा 120(B),153(A),153(B),295(A) तथा 298  की धारा लगाईं गई है। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2024 को उन्हें स्वयं या फिर अपने अधिवक्ता के माध्यम से उन्हें उपस्थित होकर जमानत लेना होगा।

You can share this post!

author

सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

Comments

Leave Comments