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बाला साहेब की शिवसेना अब शिंदे कीः बालासाहेब ने जिस पार्टी को बनाया, उसका नाम और चुनाव चिह्न गंवा बैठे उनके पुत्र उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के सीएम एकनाश शिंदे के गुट को शिवसेना पार्टी नाम और चिन्ह मिल गया है

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बाला साहेब की शिवसेना अब शिंदे कीः बालासाहेब ने जिस पार्टी को बनाया, उसका नाम और चुनाव चिह्न गंवा बैठे उनके पुत्र उद्धव ठाकरे

राजनीति//Maharashtra/Mumbai :

चुनाव आयोग के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे की टीम को करारा झटका लगा है। उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी का नाम और पहचान (चुनाव चिह्न) दोनों खोना पड़ा है। चुनाव आयोग ने पाया कि उद्धव गुट की पार्टी का संविधान अलोकतांत्रिक है। इसमें लोगों को बिना किसी के चुनाव के नियुक्त किया गया था।

भारत निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे की टीम को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी है। आयोग ने शुक्रवार को शिवसेना का ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न भी शिंदे गुट को दे दिया है। इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे की टीम को करारा झटका लगा है। उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी का नाम और पहचान (चुनाव चिह्न) दोनों खोना पड़ा है।
चुनाव आयोग ने पाया कि उद्धव गुट की पार्टी का संविधान अलोकतांत्रिक है। इसमें लोगों को बिना किसी के चुनाव के नियुक्त किया गया था। आयोग ने यह भी पाया कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। इसी के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना से अब उद्धव गुट की दावेदारी खत्म मानी जा रही है।
उद्धव ठाकरे गुट को ‘मशाल’ चिह्न रखने की अनुमति
78 पन्नों के आदेश में चुनाव आयोग ने कहा कि विद्रोह के बाद मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे को 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पार्टी के विजयी वोटों के 76 प्रतिशत विधायकों का समर्थन प्राप्त था। इसके साथ ही आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को पिछले साल आवंटित ‘मशाल’ चुनाव चिह्न रखने की अनुमति दी।
शिंदे बोले- बालासाहेब की विरासत की जीत
चुनाव आयोग के फैसले पर खुशी जताते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘मैं चुनाव आयोग को धन्यवाद देता हूं. लोकतंत्र में बहुमत मायने रखता है। यह शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की विरासत की जीत है। हमारी असली शिवसेना है।’
सुप्रीम कोर्ट जा सकती है उद्धव टीम
वहीं, उद्धव गुट से सांसद संजय राउत ने कहा- ‘इस तरह के फैसले की उम्मीद थी। हमें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है।’ सूत्रों ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट की ओर से इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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