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यूपीः कांग्रेस से सब काट रहे कन्नी..! मायावती और अखिलेश दोनों ने बिसराया

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यूपीः कांग्रेस से सब काट रहे कन्नी..! मायावती और अखिलेश दोनों ने बिसराया

राजनीति/कांग्रेस/Delhi/New Delhi :

उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के साथ पहुंच रहे हैं। कई राज्यों में भाजपा का विरोध करने वाले दलों के नुमाइंदे राहुल के साथ कदमताल करते दिखे। हालांकि यूपी में वह स्थिति बनती नहीं दिख रही है।

उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी 3 जनवरी से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत करेंगे। 3 दिनों तक यह यात्रा यूपी में रहेगी। यात्रा के दौरान विपक्षी दलों को एक पाले में लाने की कोशिश कांग्रेस की ओर से की गई, लेकिन कोई भी दल उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी के साथ कदमताल करता नहीं दिखेगा। अब तक तो कुछ इसी प्रकार की स्थिति बनती दिख रही है। भाजपा विरोध के नाम पर एक पाले में विपक्ष को लाने की कवायद यूपी में सफल होती नहीं दिख रही है। तमाम विपक्षी दल राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा से कन्नी काट रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिरी यूपी की सियासत में कांग्रेस अछूत क्यों बन गई है? क्या कारण है कि कांग्रेस के प्रति विपक्ष अपनी अलग सोच रख रहा है? इसका सबसे बड़ा कारण प्रदेश में जातिगत राजनीति और वोट बैंक पॉलिटिक्स को माना जा रहा है। यूपी में कांग्रेस के वोट बैंक को कब्जा कर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अपनी राजनीतिक इमारत खड़ी की है। कमजोर होते विपक्ष के बीच यूपी चुनाव और मैनपुरी लोकसभा सीट पर उप चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी अपनी स्थिति को मजबूत बना रही है। वहीं, मायावती निकाय चुनाव के जरिए अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश में जुटी दिखती हैं। इन तमाम मुद्दों के बीच कोई दल प्रदेश में नए राजनीतिक विकल्प को अपने सामने खड़ा नहीं होने देना चाहता है। अभी राहुल गांधी को कांग्रेस भाजपा के समक्ष एक विकल्प के रूप में खड़ा करने की रणनीति तैयार करती दिख रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले तो भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने को चंडूखाने की गप्प करार दिया था। मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा था कि आप खुद से कहानी मत बनाइए। इसे कहते हैं चंडूखाने की गप्प। यह सब हमें मत सुनाइए तो आप सुनकर आ रहे हैं। हमारी भावना है, भारत जोड़ो। सवाल यह है बीजेपी को हटाएगा कौन? उनका इशारा यूपी में अपनी तरफ था। मतलब, प्रदेश में वे कांग्रेस के साथ खड़े होकर नहीं दिखना चाहते।
राजनीतिक दलों ने क्यों किया किनारा?
यूपी में विपक्ष का चेहरा इस समय अखिलेश यादव बने हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी से नाराज वोट बैंक को अपने पाले में लाने की कोशश में जुटे हैं। उनके साथ राष्ट्रीय लोक दल अभी खड़ा है। दोनों ही दलों ने राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा से किनारा किया है। 
वर्ष 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जिस प्रकार से पश्चिमी यूपी की राजनीति ने करवट ली, अब वह सपा-रालोद गठबंधन के पक्ष में पलटती दिखी है। ऐसे में पश्चिमी यूपी में राहुल गांधी की यात्रा से कांग्रेस को सपा-रालोद गठबंधन के समकक्ष एक और विकल्प के रूप में नहीं दिखना चाहती है। इस कारण दोनों ही दलों के नेता इससे कन्नी काट रहे हैं। मायावती ने भी राहुल गांधी की यात्रा से किनारा कर लिया है।

बसपा करीब आ रही, लेकिन यूपी में दूर

बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पास आती दिख रही है, लेकिन यूपी में दोनों दलों के बीच की दूरी साफ दिखने लगी है। पिछले दिनों दिल्ली में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बसपा सांसद श्याम सिंह यादव भी शामिल हुए। जौनपुर सांसद ने इसे व्यक्तिगत तौर पर राहुल गांधी को समर्थन दिए जाने के तौर पर पेश किया। लेकिन, यूपी सियासत में इसे एक अलग नजरिए से देखा गया। माना गया कि प्रदेश की राजनीति में पिछड़ती बसपा और कांग्रेस एक ध्रुव पर आ सकते हैं। निकाय चुनाव से पहले किसी प्रकार के गठजोड़ की चर्चा जोर पकड़ने लगी। लेकिन, अब स्थिति में बदलाव होता दिख रहा है।

बसपा नेताओं का दावा है कि अभी तक पार्टी सुप्रीमो मायावती को कोई निमंत्रण नही मिला है। वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता की ओर से पहले ही दावा किया जा चुका है कि सपा, बसपा प्रमुख को न्योता भेजा जा चुका है। 
राजभर समेत अन्य नेताओं की भी ठंडी प्रतिक्रिया
यूपी की राजनीति में अपना अलग स्थान बनाने का दावा करने वाले और राजभर समाज के बीच चर्चित नेता सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की प्रतिक्रिया भी ठंडी है। 

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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