क्राइम //Haryana/Chandigarh :
उत्तर प्रदेश में हुए यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। साथ ही, सीएम योगी आदित्यनाथ ने पेपर लीक के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया है। इस बीच एसटीएफ एक्शन लेने की तैयारियां में जुट चुकी है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है। साथ ही उन्होंने पेपर लीक के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी आदेश जारी कर दिया है। इस बीच एक अहम जानकारी सामने आई है। दरअसल सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर के दौरान बलिया का रहने वाला नीरज यादव जो गिरफ्तार हुआ है, वह इससे पहले मर्चेंट नेवी में नौकरी करता था। हालांकि उसने नौकरी छोड़ दी थी। नीरज को उत्तर कुंजी मथुरा के रहने वाले एक शख्स ने भेजी थी। अब एसटीएफ इस मामले की जांच में जुट चुकी है।
यूपी पेपर लीक मामले में अहम खुलासे
पुलिस सूत्रों के मुताबिक 17 और 18 फरवरी को परीक्षा के दौरान नकल करने वाले अभ्यर्थियों और उनके मददगारों की एसटीएफ ने एक लिस्ट बनाई है। गिरफ्तार आरोपियों के पास पेपर कैसे पहुंचा उसका ब्रीफ तैयार कर एसटीएफ नेटवर्क को खंगाल रही है। वहीं गाजियाबाद से गिरफ्तार महिला अभ्यर्थी रिया चैधरी को नकल कराने वाले गुरबचन के गैंग लीडर मोनू मलिक और कपिल की तलाश में एसटीएफ जुट गई है। बता दें कि मोनू मलिक और कपिल पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पेपर लीक करने वाले गैंग के सरगना हैं।
कौन है नीरज यादव, क्या है मथुरा कनेक्शन
रिया चैधरी को ब्लूटूथ के जरिए नकल कराने की कोशिश की जा रही थी। रिया का गुरबचन के जरिए ही कपिल और मोनू से संपर्क हुआ था। गुरबचन को महिला अभ्यर्थी और उसके भाई के साथ पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, लखनऊ के कृष्णानगर से 18 फरवरी को नकल करते हुए पकड़े गए अभ्यर्थी सत्य अमन को व्हाट्सऐप पर पेर भेजने वाले नीरज यादव के नेटवर्क को भी खंगाला जा रहा है। लखनऊ पुलिस अभ्यर्थी सत्य अमन और उसके साथी नीरज याजव को 19 फरवरी को ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि पूछताछ में नीरज ने बताया कि मथुरा के उपाध्याय के जरिए उसे यह पेपर मिला। लेकिन यह उपाध्याय कौन है और कहां रहता है, नीरज को इसकी जानकारी नहीं है।
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