राजनीति//Rajasthan/Jaipur :
बताया जा रहा है कि राजे गुट के चार विधायकों के भाजपा कार्यालय पहुंचने के बाद पहले से तय दो प्रत्याशियों के नाम लिस्ट से गायब हो गए।
जयपुर ग्रेटर नगर निगम के चुनाव में अचानक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की एंट्री हो गई। इसके साथ ही पार्टी की ओर से तय किए गये महापौर के नये प्रत्याशियों के नामों को अचानक बदलना पड़ा। राजे के समर्थित 4 विधायक शुक्रवार, 4 नवंबर को अचानक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय पहुंचे और महापौर के लिए रश्मि सैनी का नाम फाइनल हो गया। रश्मि सैनी ने नामांकन भी दाखिल कर दिया। पार्टी की ओर से पूर्व में तय किये गये दोनों प्रत्याशियों को फजीहत झेलनी पड़ी।
उल्लेखनीय यपुर ग्रेटर निगम में भाजपा का बहुमत है और भाजपा का ही महापौर बनना लगभग तय है। पूर्व निगम आयुक्त के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार मामले में तीन पार्षदों और जयपुर ग्रेटर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर को निलंबित किए जाने के बाद अब नए महापौर का चुनाव हो रहा है।
पहले धाबाई, फिर सुखप्रीत अब रश्मि
जयपुर की पूर्व महापौर रह चुकी शील धाबाई निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के निलंबन काल में दो बार कार्यवाहक महापौर रहीं। पार्टी की ओर से शील धाबाई का नाम नये महापौर के लिए तय किया गया था। चूंकि धाभाई को कांग्रेस सरकार ने दो बार कार्यवाहक महापौर बनाया। ऐसे में उन पर आरोप लगे कि वे कांग्रेस से मिली हुई हैं। इस वजह से उनका नाम रद्द कर दिया गया और सुखप्रीत बंसल को प्रत्याशी तय किया। इसके बाद में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थित चार विधायक नरपत सिंह राजवी, कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी और पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत भाजपा मुख्यालय पहुंचे। सुखप्रीत बंसल पर बाहरी होने के आरोप लगे और अंत में रश्मि सैनी का नाम फाइनल किया गया।
पूर्व महापौर के भी खिलाफ रहा राजे गुट
वर्ष 2020 में ग्रेटर नगर निगम में बहुमत मिलने के बाद जब भाजपा ने सौम्या गुर्जर का नाम तय किया तो वसुंधरा राजे खेमे ने नाराजगी जताई थी। उस समय राजे की नहीं चली लेकिन अब महापौर के उपचुनाव में उनकी चल गई। राजे समर्थित विधायक और पूर्व विधायकों की लॉबिंग के आगे विरोधी गुट को नतमस्तक होना पड़ा और रश्मि सैनी को महापौर का प्रत्याशी बनाया गया।
रो पड़ीं शील धाभाई, बेटी ने किया हंगामा
नए महापौर के लिए नाम तय होने के बाद अचानक नये प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगा देेने से हताश पूर्व महापौर शील धाभाई कार्यालय में ही रो पड़ीं। इधर, मां को महापौर प्रत्याशी नहीं बनाये जाने से नाराज शील धाभाई की बेटी ट्विंकल समर्थकों के साथ भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंची और हंगामा करने लगी। ट्विंकल ने भाजपा को थर्ड क्लास पार्टी बताया।
रश्मि सैनी के पति 20 साल से सक्रिय हैं भाजपा में
रश्मि सैनी को प्रत्याशी बनाए जाने के पीछे दो बड़े कारण हैं। पहला, रश्मि सैनी के पति राजेन्द्र सैनी 20 साल से भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं और वे विद्याधर नगर ब्लॉक के महामंत्री और किसान मोर्चा में भी रह चुके हैं। रश्मि सैनी नगर निगम की लाइट समिति की चेयरमैन भी रह चुकी हैं। दूसरा, शहर में सैनी समाज के मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है। सैनी समाज के मतदाताओं पर पकड़ बनाये रखने के लिए भी रश्मि को प्रत्याशी बनाया गया।
Comments