राजनीति//Maharashtra/Pune :
बाबा रामदेव की महिलाओं के कपड़ों पर की गई एक टिप्पणी से बवाल मच गया है। शनिवार को पुणे के योग शिविर में रामदेव के साथ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता भी मौजूद थीं।
योग गुरु बाबा रामदेव पुणे के एक योग शिविर में महिलाओं को लेकर की गई अपनी एक हास्यास्पद टिप्पणी को लेकर महिला आयोग और अन्य राजनीतिक दलों के निषाने पर आ गए हैं। शनिवार को पुणे के योग शिविर में उन्होंने कहा कि महिलाएं साड़ी और सलवार-सूट में भी अच्छी लगती हैं। मेरी तरह कुछ ना भी पहनें तो भी अच्छी लगती हैं।
मंच पर मौजूद थीं अमृता फडनवीस
इस दौरान रामदेव के साथ मंच पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता भी मौजूद थीं। बाबा रामदेव का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि बाबा को देश की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।
क्या कहा बाबा रामदेव ने
वीडियो में वे कह रहे हैं,' बहुत बदनसीब हैं आप। सामने के लोगों को साड़ी पहनने का मौका मिल गया। पीछे वालों को मिला ही नहीं। आप साड़ी पहन के भी अच्छी लगती हैं। सलवार-सूट में भी अमृता जी की तरह अच्छी लगती हैं और मेरी तरह कोई ना भी पहने तो भी अच्छी लगती हैं। अब तो लोग लोक लज्जा के लिए पहन लेते हैं। बच्चों को कौन कपड़े पहनाता है। पहले हम तो आठ-दस साल तक तो ऐसे ही नंगे घूमते रहते थे। ये तो अब जाकर पांच-लेयर बच्चों के कपड़ों पर आई है।'
देश से माफी मांगें रामदेव- स्वाति मालीवाल
मामले ने तूल पकड़ा तो दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की पत्नी के सामने बाबा रामदेव ने जो टिप्पणी की है, वह अमर्यादित और निंदनीय है। इस बयान से सभी महिलाएं आहत हुई हैं, बाबा रामदेव को इस बयान पर देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए।'
संजय राउत ने पूछा,अमृता फडणवीस ने विरोध क्यों नहीं किया?
रामदेव के इस बयान के बाद सियासत भी तेज हो गई है। उद्धव गुट के शिवसेना नेता संजय राउत ने पूछा कि अमृता फडणवीस ने बाबा की टिप्पणियों का विरोध क्यों नहीं किया। शनिवार को उन्होंने कहा, जब राज्यपाल शिवाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के गांवों को अपनी राज्य की सीमा में मिलाने की धमकी देते हैं। अब बीजेपी प्रचारक रामदेव महिलाओं का अपमान करते हैं, तो सरकार चुप रहती है। क्या सरकार ने अपनी जुबान दिल्ली के पास गिरवी रख रखी है?
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