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क्या नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी बनेगी इकॉनोमी के लिए गेमचेंजर

आर्थिक

क्या नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी बनेगी इकॉनोमी के लिए गेमचेंजर

आर्थिक//Delhi/New Delhi :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी की शुरुआत कर दी है। ये पॉलिसी परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान देने वाली साबित होगी। इससे अंतिम छोर तक डिलीवरी की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस पॉलिसी से कारोबारियों की लॉजिस्टिक लागत मौजूदा 13-14 फीसदी से घटकर 10 फीसदी के नीचे आने का अनुमान है। पीएम मोदी ने जो नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी शुरू की है, ये किस तरह से कारोबारियों के लिए मददगार साबित होगी।
लॉजिस्टिक यानी क्या....
लॉजिस्टिक्स वो प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत माल और सेवाओं को उनके तैयार होने वाली जगह से लेकर जहां पर उनका इस्तेमाल होना है, वहां भेजा जाता है। जब फैक्टरी में कोई सामान या माल बनता है तो उसे बनने के बाद ग्राहक तक पहुंचाने के लिए एक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इस प्रक्रिया को लॉजिस्टिक्स और इस पर आने वाले खर्च को लॉजिस्टिक्स लागत या माल ढुलाई खर्च कहा जाता है। इस तरह माल ढुलाई की लागत में कमी लाने के लिए बनाई गई राष्ट्रीय नीति को नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी कहते हैं।
160 अरब डॉलर का है व्यापार
देश भर में 10 हजार से अधिक उत्पादों के लॉजिस्टिक कारोबार का आकार 160 अरब डॉलर है। इस क्षेत्र में 2.2 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। मंत्रालय ने कहा है कि इस क्षेत्र की हालत बेहतर होने से अप्रत्यक्ष लॉजिस्टिक लागत में 10 फीसदी की कमी आएगी जिससे निर्यात में 5 से 8 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
अर्थव्यवस्था पर ये होगा असर
सरकार के मुताबिक, इस पॉलिसी से लॉजिस्टिक क्षेत्र बेहतर होगा। महामारी के दो वर्ष के बाद वृद्धि को गति देने में मदद के लिए बनाई गई यह पॉलिसी नियमों को व्यवस्थित करेगी, आपूर्ति चेन के अवरोधकों को दूर करेगी और ईंधन लागत तथा लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए रूपरेखा देगी। इसका सबसे बड़ा फायदा कारोबारियों को मिलेगा। इससे माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
लॉजिस्टिक खर्च में हम कहां
विश्व बैंक लॉजिस्टिक्स इंडेक्स 2018 के अनुसार, भारत लॉजिस्टिक्स के खर्च के मामले में 44 वें स्थान पर है। अमेरिका और चीन जैसे देश हमसे मीलों आगे 14वें और 26वें स्थान पर हैं। लॉजिस्टिक्स के खर्च के मामले में जर्मनी नंबर 1 पर है यानी उसका खर्च सबसे कम है।        

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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