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चमत्कार... तुर्की में मलबे में से 10 दिन बाद जिंदा निकाली गई 17 साल की लड़की, मृतकों की संख्या 41 हजार के पार

आपदा

चमत्कार... तुर्की में मलबे में से 10 दिन बाद जिंदा निकाली गई 17 साल की लड़की, मृतकों की संख्या 41 हजार के पार

आपदा///Jaipur :

तुर्की में 6 फरवरी को आए भूकंप की तबाही का दायरा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। अब तक 41 हजार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है लेकिन चमत्कारिक रूप से मलबे लोग जिंदा भी निकल रहे हैं। षुक्रवार को 10 दिन बाद मलबे से 17 साल की एक लड़की जिंदा निकली है। 

तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को 10 दिन बीत चुके हैं। अब तक 41 हजार से ज्यादा लोगों की लाशें बरामद की जा चुकी हैं। पूरे देश के लोग गमगीन हैं। लाशों का ढेर लगा हुआ है लेकिन बचाव ऑपरेशन जारी है। तुर्की में तबाही के बीच अब भी करिश्माई घटनाएं हो रही हैं। 10 दिन बाद भी मलबे से लोगों के जिंदा निकलने का क्रम जारी है। ऐसी ही एक घटना दक्षिणी तुर्की के कहारनमारस शहर से सामने आई। यहां 17 साल की एक लड़की एलीना ओल्मेज भूकंप के 10 दिन बाद मलबा हटाने पर जिंदा मिली। एलीना के चाचा ने उसे गले लगाते हुए कहा कि हम उसे बचाने वाले रेस्क्यू दल के लोगों को कभी नहीं भूलेंगे। रेस्क्यू में शामिल टीम के लोग भी लड़की को देखकर चैंक गए, क्योंकि वह भीषण ठंड के बावजूद मलबे में 10 दिनों तक दबी रही और मलबा हटाने पर उन्हें जिंदा मिली। 
रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल दल के लोगों ने तुर्की के मीडिया को बताया कि एलीना को भूकंप में ढह चुके एक अपार्टमेंट के ब्लॉक से निकाला गया। रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल कर्मचारी अली अकडोगन ने एजेंसी को बताया कि एलीना को जब बचाया गया तो उसने एक बार आंख खोली और फिर बंद कर ली। अली ने आगे कहा कि हम पिछले एक हफ्ते से मलबा हटाने का काम कर रहे हैं। जब भी हमें कोई जीवित शख्स या जानवर तक मिलता है तो हम खुश हो जाते हैं। 
गौरतलब है कि तुर्की में भूकंप के झटके 6 फरवरी को महसूस किए गए थे। पहला झटका सुबह 4.17 बजे आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी। भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था। इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी। भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका। 

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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