माफिया मुख्तार अंसारी के शव के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई जाएगी आईपीएल 2024ः राजस्थान रॉयल्स ने डेल्ही कैपिटल्स को 12 रनों से हराया बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत कंगना रनौत पर आपत्तिजनक पोस्ट करना भारी पड़ा ...सुप्रिया श्रीनेत का टिकट कटा ED ने कोर्ट से अरविंद केजरीवाल की मांग 7 दिन की रिमांड कोर्ट में बोले सीएम केजरीवाल, ED का मकसद था गिरफ्तार करना आज है विक्रम संवत् 2080 के फाल्गुन मास ( फागुन) के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि रात 08:20 तक बजे तक यानी शुक्रवार 29 मार्च 2024
Chaitra Navratri 2023 Day 2 : आज करें मां ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा.. उनके लिए करें कौनसा मंत्र जाप और क्या है मां की भक्ति की महिमा, जानिये सब कुछ..

Navratri Day 2 Brahmacharini Puja

धर्म

Chaitra Navratri 2023 Day 2 : आज करें मां ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा.. उनके लिए करें कौनसा मंत्र जाप और क्या है मां की भक्ति की महिमा, जानिये सब कुछ..

धर्म/कर्मकांड-पूजा/Rajasthan/Jaipur :

Navratri Day 2 Brahmacharini Puja : नवरात्रि के दूसरे दिन पूजित ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा की एक रूप हैं जो आंतरिक शक्ति और जागरूकता का प्रतीक हैं। वे ब्रह्मचर्य धारण करती हैं, जिससे वे आत्मविकास और आध्यात्मिक उन्नति के लिए समर्थ होती हैं। इनका प्रतिनिधित्व आंतरिक शक्ति करता है, जो हमें अपने स्वभाव की समझ और अनुभव से जोड़ती है।

मां ब्रह्मचारिणी

माता ब्रह्मचारिणी को तप की देवी माना जाता है। हजारों वर्षों कठिन तपस्या करने के बाद माता का नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा था। तपस्या की इस अवधि में उन्होंने कई सालों तक निराहार व्रत किया था, जिससे देवों के देव महादेव प्रसन्न हुए थे। शिवजी ने प्रसन्न होकर माता पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया था।

यह है मां ब्रह्मचारिणी देवी का पूजा मंत्र…

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

इस तरह करें पूजन 
सुबह शुभ मुहूर्त में मां दुर्गा की उपासना करें और मां की पूजा में पीले या सफेद रंग के वस्त्र का उपयोग करें। माता का सबसे पहले पंचामृत से स्नान कराएं, इसके बाद रोली, अक्षत, चंदन आदि अर्पित करें। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में गुड़हल या कमल के फूल का ही प्रयोग करें। माता को दूध से बनी चीजों का ही भोग लगाएं। इसके साथ ही मन में माता के मंत्र या जयकारे लगाते रहें। इसके बाद पान-सुपारी भेंट करने के बाद प्रदक्षिणा करें। फिर कलश देवता और नवग्रह की पूजा करें। घी और कपूर से बने दीपक से माता की आरती उतारें और दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा का पाठ करें। पाठ करने के बाद सच्चे मन से माता के जयकारे लगाएं। इससे माता की असीम अनुकंपा प्राप्त होगी।

जल्दी प्रसन्न होती हैं माता ब्रह्मचारिणी 
माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करना बहुत सरल है और उससे भी सरल है इनको प्रसन्न करना। मां ब्रह्मचारिणी को सच्ची श्रद्धा से अगर बुलाया जाए तो वह तुरंत आ जाती हैं। मां दुर्गा का यह स्वरूप अनंत फल देने वाला माना गया है। मां की पूजा करने से ज्ञान की वृद्धि होती है और सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।तप करने से इनको असीम शक्ति प्राप्त हुई थी। माता के आशीर्वाद से हर कार्य पूरे हो जाते हैं और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। माता की आराधना करने से जीवन में संयम, बल, सात्विक, आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। माता की शक्ति के प्रभाव से तन-मन के सभी दोष दूर होते हैं और जीवन में उत्साह व उमंग के साथ-साथ धैर्य व साहस का समावेश होता है। मां दुर्गा का यह दूसरा स्वरूप दिव्य और अलौकिक प्रकाश लेकर आता है।

You can share this post!

author

सौम्या बी श्रीवास्तव

By News Thikhana

Comments

Leave Comments