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सऊदी में जिनपिंग का हवाई स्वागत, बाइडेन भी पड़ गए फीके, वीडियो में दिखी एमबीएस की विदेश नीति

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सऊदी में जिनपिंग का हवाई स्वागत, बाइडेन भी पड़ गए फीके, वीडियो में दिखी एमबीएस की विदेश नीति

कूटनीति///Beijing :

सऊदी अरब में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भव्य स्वागत ने सबका ध्यान खींचा है। कुछ महीने पहले सऊदी दौरे पर पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का ऐसा स्वागत नहीं हुआ था। ऐसे में सऊदी अरब की भविष्य की विदेश नीति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सऊदी अरब चीन की तरफ झुक रहा है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का सऊदी अरब में भव्य स्वागत हुआ। जब जिनपिंग का जहाज रियाद के हवाई अड्डे पर उतरा तो सऊदी अरब के लड़ाकू विमानों ने फ्लाई-पास्ट किया। ऐसा स्वागत चंद महीने पहले सऊदी दौरे पर पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी नहीं हुआ था। बाइडेन तेल उत्पादन बढ़ाने की बड़ी उम्मीद लेकर सऊदी अरब पहुंचे थे। उन्होंने एमबीएस के नाम से मषहूर सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ पहली बार आमने-सामने की बैठक भी की। लेकिन, इसका कोई नतीजा नहीं निकला। वहीं, शी जिनपिंग का रियाद एयरपोर्ट पर स्वागत वहां के गवर्नर प्रिंस फैसल बिन बांदर बिन अब्दुलअजीज ने किया। शाही स्वागत के बाद जिनपिंग को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। उनका सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस का साथ केमेस्ट्री भी काफी अच्छी दिखी।
अमेरिका की जगह लेना चाहता है चीन
शी जिनपिंग ने सऊदी अरब में चीन-अरब स्टेट समिट और चाइना-गल्फ कोऑपरेशन समिट में हिस्सेदारी की। इसका प्रमुख उद्देश्य सऊदी अरब और दूसरे खाड़ी के देशों के साथ चीन के संबंध को मजबूत करना था। अभी तक खाड़ी देशों में अमेरिका का दबदबा देखने को मिलता था। ये सभी देश अमेरिका के इशारे पर चलते थे। लेकिन, पिछले कुछ साल से अमेरिका की विदेश नीति में खाड़ी देश उपेक्षित महसूस कर रहे थे। ऐसे में चीन को मौका मिला और उसने अमेरिका की जगह हड़पने की कोशिश शुरू कर दी। माना जा रहा है कि शी जिनपिंग का सऊदी दौरा उसी कोशिश की एक कड़ी है।

बाइडेन-प्रिंस सलमान के बीच पुरानी दुश्मनी
जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी। उन्होंने कई चुनावी रैलियों में सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के लिए प्रिंस सलमान को जिम्मेदार ठहराने की बात की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि तत्कालीन ट्रंप सरकार प्रिंस सलमान का समर्थन कर गलत विदेश नीति को चला रही है। राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन ने प्रिंस सलमान से बात करने से भी इनकार किया था। उनके प्रशासन ने सऊदी अरब को दी जाने वाली सैन्य सहायता भी कम कर दी थी। इतना ही नहीं, यमन में जारी हिंसा के लिए सऊदी अरब की आलोचना भी की थी।
चीन और रूस के साथ दोस्ती बढ़ा रहा सऊदी अरब
अभी तक सऊदी अरब की विदेश नीति अमेरिका से प्रभावित होती थी। लेकिन, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी अरब को किसी एक देश के भरोसे न रखकर चीन और रूस के साथ संबंधों को मजबूत किया है। शी जिनपिंग की इस यात्रा के दौरान चीन और सऊदी अरब के बीच कई क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने की बात भी हुई। इसमें खाद्यान उत्पादन, साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग, पेट्रोलियम उत्पादों का व्यापार और पर्यटन के क्षेत्र में चर्चा की गई। कुछ समय पहले ही सऊदी अरब ने ओपेक प्लस की बैठक में रूस का समर्थन करते हुए तेल उत्पादन को न बढ़ाने का फैसला किया था। इस फैसले को अमेरिका के खिलाफ देखा गया था।

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Jyoti Bala

By News Thikhana

Senior Sub Editor

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