राजनीति/कांग्रेस/Rajasthan/Jaipur :
16 जनवरी को नागौर, 17 जनवरी को हनुमानगढ़, 18 जनवरी को झुंझुनूं,19 जनवरी को पाली और 20 जनवरी को जयपुर जिले में अलग-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करने के साथ ही सचिन पायलट नागौर के परबतसर, हनुमानगढ़ के पीलीबंगा, झुंझुनूं के उदयपुरवाटी और पाली के बाली में किसान सम्मेलनों को संबोधित करेंगे।
राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही सियासी खींचतान के बीच एक ओर जहां गहलोत सरकार 23 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र की तैयारियों में जुटी हुई है तो वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक बार फिर मुख्यमंत्री से लेकर पार्टी आलाकमान तक को अपना सियासी दमखम दिखाने को तैयार हैं। खींचतान के बीच सचिन पायलट सोमवार से 5 जिलों के दौरे पर हैं, जहां वे किसान सम्मेलनों के साथ-साथ अलग-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करके राजस्थान में विधानसभा चुनाव का शंखनाद भी करेंगे।
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट 16 जनवरी को नागौर के परबतसर, 17 जनवरी को हनुमानगढ़ के पीलीबंगा, 28 जनवरी को झुंझुनूं के उदयपुरवाटी, 19 जनवरी को पाली के बाली और 20 जनवरी को राजधानी जयपुर में अलग-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करके अपना दमखम दिखाएंगे। सचिन पायलट के 5 जिलों के दौरे को लेकर उनके समर्थकों और विधायकों ने भी इन कार्यक्रमों में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने की कवायद शुरू कर दी है।
किसान सम्मेलनों के जरिए भीड़ जुटाएंगे
दरअसल सचिन पायलट पार्टी आलाकमान को भी अपने 5 जिलों के दौरे के दौरान आयोजित होने वाले किसान सम्मेलनों में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाकर भी अपनी ताकत पार्टी आलाकमान को दिखाएंगे। 16 जनवरी को नागौर के परबतसर में होने किसान सम्मेलन को सफल बनाने का जिम्मा पायलट कैंप के युवा विधायक मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया के कंधों पर है। इसके साथ ही, झुंझुनूं के उदयपुरवाटी में 18 जनवरी को पायलट समर्थक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा किसान सम्मेलनों की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसके अलावा हनुमानगढ़ और पाली में भी सचिन पायलट समर्थक नेताओं की ओर से किसान सम्मेलनों के जरिए अपने सियासी ताकत दिखाने का संदेश दिया जा रहा है।
20 जनवरी को जयपुर में करेंगे छात्रों से संवाद
सूत्रों की मानें तो 20 जनवरी को जयपुर में छात्र संगठनों से सचिन पायलट संवाद करेंगे। बताया जाता है कि इसके तहत सचिन पायलट राजधानी जयपुर के कई निजी कॉलेजों में जाकर छात्राओं को संबोधित करेंगे और छात्र-छात्राओं को संबोधित कर आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उनसे कांग्रेस में आने की अपील भी करेंगे।
पायलट को सीएम चेहरा घोषित करने की लंबे समय से मांग
दरअसल राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से सचिन पायलट को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग पायलट कैंप के नेताओं की ओर से की जा रही है। सोशल मीडिया से लेकर विभिन्न प्लेटफार्म पर भी उनके समर्थक पार्टी आलाकमान से सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग करते आ रहे हैं।
हाल ही में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी सचिन पायलट ने राहुल गांधी से लंबी वार्ता की थी। चर्चा यह भी है कि सचिन पायलट ने जिलों के दौरे पर जाने की बात राहुल गांधी को भी बताई थी। इधर, सचिन पायलट समर्थक भी बार-बार पार्टी आलाकमान के पर इस बात का दबाव बना रहे हैं कि अगर सचिन पायलट को सीएम फेस नहीं बनाया गया तो राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं होगी।
जनाधार दिखाना चाहते हैं पायलट
वहीं, किसान सम्मेलनों और जिलों के दौरे के दौरान ज्यादा से ज्यादा भीड़ दिखाकर सचिन पायलट पार्टी आलाकमान को अपना जनाधार और दमखम दिखाना चाहते हैं जिससे कि पार्टी आलाकमान भी आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कोई ना कोई फैसला ले।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर राजस्थान कांग्रेस पिछले 4 साल से खींचतान चल रही है। सचिन पायलट कैंप और गहलोत कैंप के नेताओं के बीच लगातार बयानबाजी के दौर चले हैं। जुलाई 2020 में सचिन पायलट कैंप की ओर से बगावत करने के बाद गहलोत सरकार पर भी सियासी संकट आ गया था।
सरकार बचाने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत को अपने विधायकों और मंत्रियों के साथ 35 दिन अलग-अलग स्थानों पर बाड़ेबंदी में भी रहना पड़ा था। बाद में, पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की कांग्रेस में वापसी हुई थी लेकिन उसके बाद से भी लगातार पायलट मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की मांग पर अड़े हुए हैं। बीते साल 25 सितंबर को भी सीएम चेहरे की रायशुमारी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की ओर से बुलाई गई पार्टी की आधिकारिक विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करके गहलोत कैंप के विधायकों ने समानांतर विधायक दल की बैठक चलाई थी और अपने इस्तीफे विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिए थे।
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