//Delhi/New Delhi :
भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की हुई बातचीत में बनी आम सहमति के अनुसार गुरुवार, 8 सितंबर को तनाव को कम करने वाली खबर आई है। रक्षा मंत्रालय ने संयुक्त बयान जारी कर बताया है कि गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स (पीपी-15) क्षेत्र से भारत और चीन के सैनिकों ने सुनियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है। संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में शाति और स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। भारत और चीन के बीच 16वें दौर की बातचीत 17 जुलाई को हुई थी।
गलवान झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। हालांकि दोनों देशों ने कूटनीतिक और सैन्य बातचीत कर मामले का हल निकालने की कोशिशें जारी रखीं पर चीन गोगरा हॉटस्प्रिंग्स में पट्रोलिंग पाइंट पीपी-15 से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं था। ऐसे में भारत ने भी अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी। क्षेत्र में दोनों तरफ बड़ी संख्या में सैनिक तैनात किए गए थे।
गलवान संघर्ष से बिगड़े हालात
जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद हालात काफी खराब हो गए थे। भारत के सैनिक शहीद हुए लेकिन चीन सच्चाई छिपाता रहा। दुनिया के कई एक्सपर्ट के हवाले से पता चला था कि चीन को भारत से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा।
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