//Delhi/New Delhi :
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या की मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आजीवन कारावास की सजा काट रहे नलिनी श्रीहर समेत सभी 6 दोषियों को रिहा करने के आदेश दे दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल ने कदम नहीं उठाया तो हम उठा रहे हैं।
नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस... ये नाम हैं, उन हत्यारों के जो देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में शामिल थे और आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आजीवन कारावास की सजा काट रहे इन सभी दोषियों को रिहा करने के आदेश दे दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोषी पेरारीवलन की रिहाई का आदेश बाकी दोषियों पर भी लागू होगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 में पेरारिवलन को रिहा कर दिया था।
इसके बाद नलिनी और मुरुगन ने ए जी पेरारीवलन की रिहाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अपनी रिहाई की मांग की थी। तथ्य यह है कि उन्होंने 30 साल से अधिक जेल में बिताए हैं। राज्य मंत्रिमंडल का निर्णय राज्यपाल पर बाध्यकारी है लेकिन राज्यपाल ने चार साल से कार्रवाई नहीं की इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी को रिहा कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इनके जेल के आचरण को भी ध्यान में रखा है।
जिनकी रिहाई का आदेश दिया गया है, उनमें नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस शामिल हैं। बता दें कि 21 मई, 1991 की रात दस बज कर 21 मिनट पर तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में इन्ही हत्यारों ने मिलकर एक ऐसा जाल बुना जिसने देश के युवा प्रधानमंत्री को मौत की नींद सुला दिया। राजीव गांधी हत्याकांड में एजी पेरारिवलन समेत 7 लोगों को दोषी पाया गया था।
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