कूटनीति//Delhi/New Delhi :
ईरान ने फैसला किया है कि वह कब्जा किये गये इजरायल से संबंधित जहाज पर मौजूद भारतीय क्रू से भारत सरकार के प्रतिनिधियों को मिलने की अनुमति देगा। यह फैसला भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और उनके ईरानी समकक्ष डॉ. आमिर अब्दुल्लाहियान के बीच हुई फोन वार्ता के बाद हुआ। आमिर अब्दुल्लाहियान ने फोन पर बातचीत के दौरान भारतीय समकक्ष को ईरान के वैध आत्मरक्षा और इजरायली शासन को सजा दिए जाने के बारे में जानकारी दी।
बता दें कि शनिवार, 13अप्रेल को ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) ने कमांडो उतारकर इजरायल से जुड़े जहाज को होर्मुज स्ट्रेट के पास कब्जे में ले लिया था। ये मालवाहक जहाज यूएई से भारत के लिए आ रहा था। रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने कहा था कि इस जहाज को इजरायल से जुड़े होने के आरोप के चलते कब्जाया गया है। एमएससी एरीज नाम का ये जहाज लंदन की कंपनी जोडियाक ग्रुप का है, जो इजरायली अरबपति इयान बोफेर की बताई जाती है। जिस समय जहाज पर ईरान ने कब्जा किया, उस पर पुर्तगाल का झंडा लगा था।
ईरान-इजरायल का युद्ध भारत के लिए बड़ा खतरा
चालक दल के 25 सदस्यों में 17 भारतीय जहाज पर मौजूद चालक दल के 25 सदस्यों में 17 भारतीय नागरिक हैं। जहाज के बारे में जानकारी मिलते ही भारत ने चालक दल में मौजूद भारतीयों के लिए रिहाई के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। भारत सरकार के सूत्रों ने बताया था कि उसे जहाज पर भारतीय क्रू के बारे में जानकारी है और इस बारे में नई दिल्ली और तेहरान दोनों जगह ईरान के साथ संपर्क स्थापित किया गया है।
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